आई रहमत की घड़ी, लगी खुशियों की झड़ी।
मुबारक सबको बड़ी, देते है तमाम ।
सुबह-ओ-शाम, सुबह-ओ-शाम, सुबह-ओ-शाम ।
हमारे सत्गुरु का प्यार सबसे आला है।
बड़ा निराला है बड़ा निराला है ।।
खुशी में नाचता है तन के सबका मन है नाचता।
सुहानी आई है घड़ी, के हो मगन है नाचता।
ये सभी - 2 सत्गुरु के प्यार की बदौलत है।
आई रहमत की घड़ी.....
सभी के घर में हो सदा, बहारों का ये सिलसिला ।
रहें सभी यूं प्यार से, के चेहरा हो खिला-खिला ।
वो मिले-2 जो दिलों में जिसके कोई चाहत है।
आई रहमत की घड़ी.....
ये हाथ प्यार से अगर, मुस्करा के फेर दे।
जहाँ की वस्तुऐं तो क्या, खज़ानों का देर दे।
ये मगर-2, 'शौक' देता नाम की दौलत है।
आई रहमत की घड़ी.....
तर्जः तुझपे कुर्बान मेरी जान मेरी जान..... (रिमिक्स)
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